क्या हैं संस्कृत भाषा की विशेषता ?

आप कोई भी विषय पढ़िए जो आपकी अभिरुचि,चाहत और प्रतिभा-क्षमता के अनुकूल हो।आप कोईभीजीविका चुनिए जो आपको पसंद हो।जीवन में जो भी आप करना चाहते हों करिए पर संस्कृत इतना अवश्य जानिए जिससे आप मन्त्र और गूढ़ ज्ञान को सीधा प्राप्त कर सकें।जब आवश्यकता पड़े तो आप संस्कृत के माध्यम से अपनी पूर्णता को प्राप्त कर सकें।

संस्कृत में महामृत्युंजय मन्त्र है।महामॄत्युञ्जय कवच भी संस्कृत में है।इसे जपने और पढ़ने से बीमारी से मुक्ति मिलती है।प्रतिदिन १०८बार या ११ बार जप करने से आप दीर्घायु बने रहेंगे।

संस्कृत में गायत्री मंत्र है।इसके जप से प्रखर प्रतिभा उत्पन्न होती है और व्यक्ति ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में चरम उत्कर्ष को प्राप्त करता है।

संस्कृत में नारायण कवच, दुर्गा कवच, शिव कवच,हनुमत कवच,रामरक्षा स्तोत्र, काली कवच आदि उपलब्ध है।इनमें से किसी एक का प्रतिदिन पाठ करने से अकालमृत्यु और दुर्घटना से पूर्णतः बचाव होता है।शरीर रक्षा होती है। कोई आक्रमण नहीं कर पाता है।

संस्कृत में नेत्र कष्ट से बचने के लिए चाक्षुषोपनिषद है।इसके पाठ से अंधता से बचाव होता है।कुष्ठ रोग से बचने के लिए सूर्यस्तवराज पाठ होता है जो संस्कृत में है।आदित्यहृदयस्तोत्र संस्कृत में है जिसके पाठ से आरोग्य और विजय की प्राप्ति होती है।

संस्कृत में वे मन्त्र और प्रयोग हैं जो विवाह की बाधा को दूर करते हैं तथा सुखी दाम्पत्य उपलब्ध कराते हैं।मन वांछित लड़की या लड़के से विवाह हो सके इसके लिए मंगलागौरी स्तोत्र, अर्धनारीश्वर स्तोत्र, कात्यायनी मन्त्र आदि उपाय संस्कृत में हैं।

संस्कृत में सत्पुत्र या सत्पुत्री प्राप्ति के लिए वंशवृधिकरवंशकवच , अभिलाषाष्टकस्तोत्र ,सन्तानमन्त्र भी है।

संस्कृत में नौकरी प्राप्ति तथा व्यवसाय में सफलता के अनेक प्रयोग हैं जैसे- देवीसूक्तम,श्रीसूक्तम।

संस्कृत में गीता और वाल्मीकि रामायण है।इन दोनों को पढ़ने से जीवन में अपूर्व क्षमता उत्पन्न होती है।सारे भय नष्ट हो जाते हैं।

संस्कृत आपको भीतर से सवारने वाली भाषा है।इसे अवश्य जानिए।इसको जान लेने के बाद आप अपने जीवन और दूसरे के जीवन को सुधार सकते हैं।अतः एक वैकल्पिक भाषा पढ़नी हो तो संस्कृत चुनिए।मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ आप बाद में अपना सौभाग्य मानेगें की आपको यह देवभाषा आती है और आप किसीकी भी शब्द-मन्त्र के माध्यम से मदद कर सकते हैं।

मैं अनेक ऐसे बंधुओं को जानता हूँ जो वैज्ञानिक, चिकित्सक या बड़ीकम्पनी में प्रबंधक हैं, पर वे रुद्र अष्टाध्यायी का पाठ स्वतः करतेहैं। दुर्गासप्तशती का उनको अभ्यास है।बंगाल में भी ऐसे विशिष्टजन हैं जो संस्कृत के सहयोग से आकाश को छू रहे हैं। जीवन में जो भाषा आपकी सर्वाधिक मदद कर सकती है वह संस्कृत है,केवल संस्कृत।यह इस धरती और बाद में दूसरे लोक में भी काम देने वाली भाषा है।

संस्कृत के बारे में ये 20 तथ्य जान कर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा !

  1. संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना जाता है।
  2. संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है।
  3. अरब लोगो की दखलंदाजी से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रीय भाषा थी।
  4. NASA के मुताबिक, संस्कृत धरती पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है।
  5. संस्कृत में दुनिया की किसी भी भाषा से ज्यादा शब्द है। वर्तमान में संस्कृत के शब्दकोष में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्द है।
  6. संस्कृत किसी भी विषय के लिए एक अद्भुत खजाना है। जैसे हाथी के लिए ही संस्कृत में 100 से ज्यादा शब्द है।
  7. NASA के पास संस्कृत में ताड़पत्रो पर लिखी 60,000 पांडुलिपियां है जिन पर नासा रिसर्च कर रहा है।
  8. फ़ोबर्स मैगज़ीन ने जुलाई,1987 में संस्कृत को Computer Software के लिए सबसे बेहतर भाषा माना था।
  9. किसी और भाषा के मुकाबले संस्कृत में सबसे कम शब्दो में वाक्य पूरा हो जाता है।
  10. संस्कृत दुनिया की अकेली ऐसी भाषा है जिसे बोलने में जीभ की सभी मांसपेशियो का इस्तेमाल होता है।
  11. अमेरिकन हिंदु युनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला मनुष्य बीपी, मधुमेह,कोलेस्ट्रॉल आदि रोग से मुक्त हो जाएगा।
    संस्कृत में बात करने से मानव शरीरका तंत्रिका तंत्र सदा सक्रिय रहता है जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश (PositiveCharges) के साथ सक्रिय हो जाता है।
  12. संस्कृत स्पीच थेरेपी में भी मददगार है यह एकाग्रता को बढ़ाती है।
  13. कर्नाटक के मुत्तुर गांव के लोग केवल संस्कृत में ही बात करते है।
  14. सुधर्मा संस्कृत का पहला अखबार था, जो 1970 में शुरू हुआ था। आज भी इसका ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध है।
  15. जर्मनी में बड़ी संख्या में संस्कृतभाषियो की मांग है। जर्मनी की 14 यूनिवर्सिटीज़ में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
  16. नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रैवलर्स को मैसेज भेजते थे तो उनके वाक्य उलट हो जाते थे। इस वजह से मैसेज का अर्थ ही बदल जाता था। उन्होंले कई भाषाओं का प्रयोग किया लेकिन हर बार यही समस्या आई। आखिर में उन्होंने संस्कृत में मैसेज भेजा क्योंकि संस्कृत के वाक्य उल्टे हो जाने पर भी अपना अर्थ नही बदलते हैं। जैसे अहम् विद्यालयं गच्छामि। विद्यालयं गच्छामि अहम्। गच्छामिअहम् विद्यालयं । उक्त तीनो के अर्थ में कोई अंतर नहीं है।
  17. आपको जानकर हैरानी होगी कि Computer द्वारा गणित के सवालो को हल करने वाली विधि यानि Algorithms संस्कृत में बने है ना कि अंग्रेजी में।
  18. नासा के वैज्ञानिको द्वारा बनाए जा रहे 6th और 7th जेनरेशन Super Computers संस्कृतभाषा पर आधारित होंगे जो 2034 तक बनकर तैयार हो जाएंगे।
  19. संस्कृत सीखने से दिमाग तेज हो जाता है और याद करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए London और Ireland के कई स्कूलो में संस्कृत को Compulsory Subject बना दिया है।
  20. इस समय दुनिया के 17 से ज्यादा देशो की कम से कम एक University में तकनीकी शिक्षा के कोर्सेस में संस्कृत पढ़ाई जाती है ।