त्वचा को कैसे रखें स्वस्थ

           

वर्तमान समय में बढ़ाते प्रदूषण और गलत खानपान की वजह से  त्वचा रोग में तेजी से बढ़ोतरी  हो रही है | वेसे तो त्वचा सम्बन्धी तकलीफ किसी भी कारण से हो सकती है | जेसे सनबर्न,एलर्जी, प्रदूषण गलत खानपान आदि, किन्तु इसके आलावा हमारे शरीर में चलने वाली विभिन्न  क्रियाएं जिनसे विजातीय तत्व बाहर निकलते है उनका सुव्यवास्त्थित तरीके से चलना भी जरुरी है |

हमारे शरीर में जमा होने वाले विजातीय तत्त्व को बहार निकालना भी जरुरी है | इनको निकालने  का कार्य अलग – अलग अवयवो को करना पड़ता है | जेसे बड़ी आंत ,फेफड़े , मुत्रपिंड शरीर का मल मूत्र एवं शरीर का कचरा नकलने के लिए इन्द्रिय रूप से करते है  | त्वचा भी भीतर के कचरे को बहार निकलती है |

जब शरीर के अन्दर उपरोक्त क्रियाएँ स्वस्थ एवं सुचारू रूप से संचालित होती है तो त्वचा स्वस्थ , सुन्दर ,चमकदार, तेजस्वी  दिखाई देती है और यदि ये अंग स्वस्थ नहीं है , सुचारू रूप से कार्य नहीं कार्य कर रहे है तो त्वचा भी मुरझाई  सी लगेगी | बीमार व्यक्ति की त्वचा इसीलिए पीली या मुरझाई लगती है |

त्वचा को स्वस्थ एवं चमकदार रखने के लिए  सुन्दर त्वचा रहे व दिखे  इसके लिए भीतरी अंगों को स्वस्थ रखना जरुरी है तभी हमारी त्वचा भी  सुन्दर दिखाई देगी उसके लिए आयुर्वेद आधारित कुछ नियमों का पालन करना होगा | उचित आहार का पालन करना पडेगा तभी त्वचा  को रोगों से बचाया जा सकता है |

जो लोग ज्यादा चिंता या शोक करते है |अपने बल से अधिक श्रम करतें है |उसकी त्वचा कम उम्र में ही रोग ग्रस्त हो जाती है | काले या सफेद चकत्ते भी दिखाई देते है | आयुर्वेद में बताया है कि क्रोध या परिश्रम से कुपित हुई वायु पित्त से मिलकर  त्वचा पर आकार  रहित काले चकत्ते उत्त्पन्न कर देती है |

आयुर्वेद के नियमों का पालन न  करना , नियम विरुद्ध आहार सेवन करना बासी व गरिष्ठ भोजन लेना, अधिक मसालेदार भोजन ग्रहण करना और फास्ट फ़ूड जेसे अखाद्य पदार्थों के  सेवन भी त्वचा रोग को उत्पन्न हो जाते है |

वर्तमान में त्वचा को सुन्दर दिखने के लिए जो लम्बे समय से कृत्रिम प्रसाधनों का प्रयोग किया जाता है वह भी त्वचा रोग को उत्पन्न करता है |

इसके बदले प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उबटनों का प्रयोग करना चाहिए | ताकि त्वचा सुन्दर और कांतिमय बनी रहे |

नुस्खा –रस माणिक्य 10 ग्राम , कैशोर गुग्गुल 60 गोली प्रवाल भस्म 10 ग्राम ,क्रमी  कुठार रस 60  गोली , गिलोय सत्व 10 गोली | सभी को मिलाकर एक जान कर ले  व 60  पुड़ियाँ बनाले |1- 1 पुडिया सुबह व शाम शहद से गुनगुने पानीके साथ ले | इसके आलावा महामाजिष्ठादी  काढ़ा 3-3 चम्मच सुबह शाम ले |

उपरोक्त प्रयोग  से त्वचा कांतिमय वा सुन्दर बनेगी काले धब्बे आदि से निजात मिलेगी | यदि दाद खुजली या इसी तरह की परेशानी हो तो उपरोक्त तरीके के साथ निम्न तरीके से बनाया गया मलहम भी प्रयोग करें |

योग – रुई निकले हुए कपास के फल की राख 100 ग्राम , कपूर 3 ग्राम , नीला थोथा 3  ग्राम, धतूर पत्र 250 ग्राम  तिल तेल 150 ग्राम , मोम 10 ग्राम |

पहले धतूर पत्र को तेल में जला ले फिर छान ले | फिर मोम डालकर ठण्डा होने पर कपूर व् नीला थोथा महीन पीसकर ,फलो की राख तेल में मिला दे | इसे त्वचा पर लगाने सभी चरम रोगों का नाश होता है | दाद खुजली पर जल्द लाभ मिलता है |