बहुत दमदार हैं ये मसाले

काली मिर्च –

सर्दी  खांसी और जुकाम  से पीड़ित लोगों के  लिए  काली मिर्च एक बेहतरीन औषधि के रूप में काम करती है | इसलिए भोजन बनाने में काली मिर्च का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए | आयुर्वेद में भी इसके सेवन से कई प्रकार  की  शारीरिक समयों के ठीक होने की बात कही गयी है |

सर्दी लगने पर शहद के साथ पीसी हुई काली मिर्च खानी चाहिए | काली मिर्च  शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को समाप्त करती है साथ ही ये हमारी आँतों को  स्वस्थ बनाये रखने में मदद करने वाले गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाती है | काली मिर्च में एंटी इंफ्लेमेटरी ,एंटी फंगल और एंटीओक्सिडेंट होते हाई जो इम्युनिटी भी बूस्ट करते है | विभिन्न बीमारियों के संक्रमण से बचने के लिए  हर दिन २-३ कलि मिर्च का सेवन अवश्य करना चाहिए |

हींग

हींग हमारे पाचन तंत्र को  मजबूत  करने का कार्य करती है | पेट में दर्द होने और  पेट सम्बन्धी  अन्य  बीमारियों में हींग को  पानी में घोलकर  पेट पर लगा  देने से भी लाभ मिलता  है | हींग में कई  तरह  के एंटीओक्सिडेंट  होते है  जो संक्रमण और दर्द की समस्या  को दूर करते है | इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने मे भी  मदद मिलती है |

हींग में एंटीवायरल तत्त्व होते  है ,जो हमारे  रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत  प्रदान करते है | यह हमें  फ्लू  सर्दी ,खांसी  गले में  खराश  आदि से  बचाने का काम करती है | इसमें एंटीबायोटिक  व् एंटीइन्फ्लेमेटोरी गुण भी होती है |

हल्दी

प्राचीन काल में हल्दी को एक चमत्कारिक मान्यता प्राप्त है | जब कभी हमें चोट लगती है,  या हम सर्दी जुकाम से पीडित हो जाते है,  तो हल्दी वाले दूध पीने की  सलाह दी जाती है | ऐसा  इसलिए  क्यूंकि हल्दी हमारी प्रतिरक्षातंत्र को मजबूत  बनाकर जल्दी ठीक होने में मदद करती है |

टेक्सास विश्वविद्यालय के एक शोध के मुताबिक़  हल्दी में मौजूद नारंगी पीला घटक करक्यूमिन हमारे शरीर  की कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण  एजेंट की तरह काम करता है | करक्यूमिन एलर्जी ,अस्थमा , ह्रदयरोग ,मधुमेह आदि   के मरीजों के लिए भी फायेदेमंद रहता है | अध्यनों के अनुसार  हल्दी हमारे  दिमाग के लिए भी बहुत फायेदेमंद है |

अजवायन

इसका सेवन हमें कई रोगों से बचाता है | एसिडिटी व् अपच की समस्या  को दूर करने में अजवायन जादू की तरह काम करती है | पेट दर्द  को दूर करने में भी अजवायन बहुत कारगर है  साथ ही ये इम्युनिटी भी बढ़ाती है | यह हमें बैक्टीरियल और वायरल इन्फ़ेकसन  से भी बचाने में सहायक होती है |

अजवायन खाकर पानी भी  पी सकते है या फिर इसे पानी में उबल कर भी सेवन कर सकते है | इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ फार्मेसी  एंड लाइफ साइंस द्वारा  किये गए  एक रिसर्च के अनुसार  अजवायन के बीज में काफी मात्र में थायिमोल मौजूद होता है | इसे मुख्य तौर पर एंटी बैक्टेरिया के रूप में जाना जाता है | इससे  जुकाम  फ्लू और अन्य  वायरल इन्फ़ेकसन  को दूर रखा जा सकता है |