मोटापा कम करने का रामबाण उपाय

मोटापे के कई कारण हो सकते है। इनमें से प्रमुख है:-

मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है।

अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है।

कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है।

असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं | जो मोटापे का कारण बनता है।

शारीरिक क्रियाओं के सही ढंग से नहीं होने पर भी शरीर में चर्बी जमा होने लगती है।

बाल्यावस्था और युवावस्था के समय का मोटापा व्यस्क होने पर भी रह सकता है।

कही लोग दीन मे खानखाने के बाद सो ने की आदत रखते हे इससे मोटापा आ जाने की संभावना बढ जाती हे।

मोटापे के लक्षण

मोटापा शारीरिक और मानसिक स्तर पर जीवन में कई सारे परिवर्तन लाता है। जिनके कारण व्यक्ति में इसके लक्षण परिलक्षित होते हैं। किन्तु कई बार लोग इन्हें महत्त्व नहीं देते और इसके बारे में कोई चिकित्सकीय परामर्श नहीं लेते जो आगे चलकर उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। मोटापे के प्रमुख्य लक्षण निम्न प्रकार से हैं।

सांस फूलना – बार-बार साँस फूलने की समस्या का होना मोटापे का लक्षण है |जो कई कारणों से हो सकता है और कई रोगों का कारण बनता है।

पसीना में वृद्धि – अचानक से बार-बार पसीना आना और वह भी बहुत | यह दर्शाता है कि व्यक्ति मोटापे से ग्रसित है।

खर्राटे – आमतोर पर मोटापे से बेहाल लोगों को नींद में बहुत खर्राटे लेते देखा जा सकता है मोटापा बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या और भी बढ़ती जाती है।

शारीरिक गतिविधि के साथ सामंजस्य करने में अचानक असमर्थता का   अनुभव करना – सामान्य रूप से कोई भी शारीरिक गतिविधि करने में असमर्थ होते जाने का संबध भी मोटापे से है और ये मोटापे का सबसे प्रमुख्य लक्षण भी हैं।

प्रतिदिन बहुत थकान महसूस करना– आमतौर पर बिना किसी अतिरिक्त कार्यभार के लगातार थकान का अनुभव करना भी मोटापे का ही एक लक्षण है।

पीठ और जोड़ों में दर्द – मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों में पीठ और जोड़ों के दर्द सामान्य रूप से देखा जा सकता है। आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में कमी का अनुभव | शारीरिक समस्याओं के कारण किसी भी काम को करने की क्षमता में कमी आ जाती है |और स्वयं पर विश्वास भी नहीं होता जिसके चलते आत्मसम्मान में भी कमी आ जाती है।

अकेला महसूस करना – मोटापे में अकेलापन अनुभव करना एक आम बात है। शारीरिक परिवर्तनों के चलते लोग स्वयं को सबसे अलग और एकाकी महसूस करते हैं।

जरुरत से ज्यादा या कम सोना– यदि हम जरुरत से ज्यादा सोते है तो यह भी हमारे मोटापे का बहुत बड़ा लक्षण होता है

मोटापे से जुड़ी समस्याएं

मोटापे के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं जिनमें टाइप 2 डायबिटीज, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (उच्च कोलेस्ट्रॉल, गैस्ट्रोओस्फोजियल रिफ्लक्स डिजिज (जीईआरडी), उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अवसाद, जोड़ों की ओस्टियोआर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, स्लीप एपनिया और श्वसन समस्याएं, यूरिनरी स्ट्रेस इंकांटिनेंस, अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं और प्रजनन संबंधी समस्याएं।

मोटापा कम करने के घरेलु उपाय

नींबू पानी

गर्म नींबू पानी पीना मोटापे को कम करने में मदद करता है | गर्म नींबू पानी का सेवन आप अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में जोड़ सकते है। गर्म नींबू पानी का सेवन शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ा देता है | जिससे वजन में कमी देखने को मिलती है साथ ही ये किडनी को स्वास्थ्य रखने में मदद करता है।

गर्म नींबू पानी का मोटापे के लिए उपयोग करने का तरीका

१.गर्म नींबू पानी सुबह के समय पीने से मोटापे को कम करने में मदद करता है।

2.एक से दो गिलास पानी पी सकते है।

3.अच्छे परिणाम के लिए इसको आप अपनी दिनचर्या में जोड़ सकते है।

एलोवेरा

एलोवेरा का उपयोग मोटापे को नियंत्रित करने में मदद करता है | ताजा एलोवेरा आजकल आसानी से घरो में मिल जाता है | जिसका उपयोग कर बढते वजन को नियंत्रित कर सकते है। एलोवेरा कब्ज को ठीक करता है| क्योंकि इसके लेटेक्स में मौजूद एंथ्राक्विनोन होते हैं |जो रेचक के रूप में कार्य करते हैं। यह आंतों की पानी की मात्रा को बढ़ाता है | साथ ही म्यूकस के स्त्राव और आंतों की पेरिस्टलसिस गति को भी बढ़ाता है जिसे पाचन किया अच्छी होती है वजन कम करने में मदद मिलती है।

एलोवेरा का मोटापे के लिए उपयोग करने का तरीका

1.एलोवेरा को मोटापे के लिए जूस के रूप में करना बेहतर रहता है। 

2.एलोवेरा जूस को सुबह के समय सामान मात्रा में पानी मिलाकर ले ।

3.बेहतर परिणाम के लिए दो से तीन माह तक उपयोग कर सकते है।

शहद

शहद का सेवन मोटापे को कम करने में एक महत्वपूर्ण साधन है। शहद का सेवन पानी के साथ सेवन करने से मोटापे को कम करने में मदद करता है। शहद मीठा होने के बाद भी ये सामान्य  मीठे से मोटापा नहीं बढ़ाता है क्योंकि इसका ग्लिसेमिक इंडेक्स कम  होता है यानि यह शर्करा की मात्रा नहीं बढ़ाता है। शहद का सेवन फैट को भी शरीर में जमा नहीं होने देता है क्योंकि इसमें एंटी ऑबेसिटी का गुण होता है।

शहद का मोटापे के लिए उपयोग करने का तरीका

1.शहद का मोटापे के लिए पानी के साथ मिलाकर सुबह खाली पेट ले।

2.पानी को ज्यादा गर्म न करे सामान्य तापमान का पानी भी ले सकते है।

3.पानी में नींबू का रस भी मिलाकर उपयोग कर सकते है।

मैथीदाना

रसोई घर पायी जाने वाली मैथी भी मोटापे को कम करने में मदद करती है।  मैथीदाने का उपयोग प्रतिदिन के खाने में सम्मिलित करे। मैथीदाना का सेवन पाचन को धीमा कर देता है जिससे इसका आंतो से अवशोषण धीमा हो जाता है | और भूख कम लगने लगती है जिससे मोटापे में कमी होने लगाती  है।

मैथीदाने का मोटापे के लिए उपयोग करने का तरीका

1.मैथीदाने को एक गिलास पानी में रात में रख दे और सुबह खाली पेट पानी को पियें ।

2.मैथीदाने के पाउडर को भी गुनगुने पानी से ले दिन में दो बार ले।

3.मैथीदाने को सब्जी के रूप में भी प्रयोग कर सकते है।

ग्रीन टी

ग्रीन-टी का पीना भी वजन को कम करने में मदद करता है | आप सामान्य टी पीने की आदत को ग्रीन-टी से बदल सकते है | यानि सामान्य चाय के स्थान पर ग्रीन-टी लेना शुरू कर सकते है। ग्रीन-टी में एंटी ऑबेसिटी का गुण पाया जाता है जो की फैट को शरीर में जमने नहीं देती है | साथ ही ये मेटाबोलिज्म को बढ़ाती है | ग्रीन टी में पाया जाने बाला तत्व भूख को कम लगने देता है | जिससे वजन को कम करने में मदद मिलती है।

ग्रीन-टी का मोटापे के लिए उपयोग करने का तरीका

1.ग्रीन-टी का उपयोग सुबह अपनी सामान्य टी के स्थान पर कर सकते है।

2.ग्रीन-टी पत्ती के अन्य उत्पादों को भी आप उपयोग कर सकते है।

सौंफ

सौंफ का उपयोग मोटापा को कम करने का एक अच्छा साधन है जिसका उपयोग आप प्रतिदिन के खानपान में जोड़ कर सकते है। सौंफ आसानी आपके रसोई घर में मिल जाती है। सौंफ मोटापे को कम करने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता  है क्योंकि सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है जोकि फ्री रेडिकल्स को नियंत्रित रखता है जिससे शरीर में अतिरिक्त फैट  जमा नहीं होता है।

सौंफ  का मोटापे के लिए उपयोग करने का तरीका

1.सौंफ को आप मसाले के रूप में खाने में प्रयोग कर सकते।

2.सौंफ को पानी में डालकर उबाल ले फिर इस पानी को पीये।

3.आप भोजन करने के बाद भी सौंफ खा सकते है।

करेला

करेला या इसके जूस का सेवन मोटापे को कम करने में मदद करता है। करेले का उपयोग सब्जी के किया जाता है। इसका स्वाद कड़वा होने के करने लोग खाने में कम पसंद करते है लेकिन इसमें औषधिये गुण अधिक होते है। करेला में प्रचुर मात्रा में विटामिन्स और फाइबर होते है साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट का गुण भी पाया जाता है जो की फ्री रेडिकल हो कम कर के मोटापे को नहीं देते है।  इसमें लैक्सटिव का गुण पाया जाता है जो की टोक्सिन को आंतो से बाहर करके वजन को कम करता है।

करेला का मोटापे के लिए उपयोग करने का तरीका

1.करेला का उपयोग सब्जी के रूप कर सकते है।

2.करेला का जूस भी निकाल कर पी सकते है।

3.बाजार में करेले के बने हुए अन्य उत्पाद का भी उपयोग कर सकते है।

दालचीनी

दालचीनी भी रसोई घर में पाए जाने वाला एक मसाले के रूप में उपयोग होने वाली औषधि है।  दालचीनी का उपयोग भी वजन कम करने में किया जाता है। दालचीनी का चाय के रूप में उपयोग करने से यह मेटाबोलिज्म में सुधार कर वजन को नियंत्रित करती है।

दालचीनी  का मोटापे के लिए उपयोग करने का तरीका

1.दालचीनी के उपयोग वजन के लिए चाय के रूप में कर सकते है।

2.दालचीनी का पाउडर गर्म पानी से भी कर सकते है।

3.दालचीनी का उपयोग मसाले के रूप में भी किया जा सकता है।

अदरक

अदरक के पाया जाने वाला 6-जिन्जेरॉल एंटी-ऑबेसिटी की क्रियाशीलता दर्शाता है| जिस कारण अदरक का काढ़ा मोटापे को कम करने में मदद करता है।

अदरक का मोटापे के लिए उपयोग करने का तरीका

1.अदरक का मोटापे को कम करने के लिए काढ़ा यानि चाय के रूप में कर सकते है।

2.अदरक का जूस भी निकाल कर शहद के साथ सुबह खाली पेट उपयोग कर सकते है।

3.सूखे हुए अदरक के पाउडर का भी उपयोग वजन कम करने में किया जा सकता है।

मोटापे को रोकने के लिए दिनचर्या को बदलें

मोटापा वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है। यह आयु संभावना को भी घटा सकता है। शरीर भार सूचकांक (बी.एम.आई), मानव भार और लंबाई का अनुपात होता है, जब 25 कि.ग्रा./मी.2 और 30 कि.ग्रा/मी 2 के बीच हो, तब मोटापा-पूर्व स्थिति; और मोटापा जब ये 30 कि.ग्रा/मी.2 से अधिक हो।

मोटापा बहुत से रोगों से जुड़ा हुआ है, जैसे हृदय रोग, मधुमेह, निद्रा कालीन श्वास समस्या, कई प्रकार के कैंसर और अस्थिसंध्यार्ति मोटापे का प्रमुख कारण अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव, आनुवांशिकी का मिश्रण हो सकता है। हालांकि मात्र आनुवांशिक, चिकित्सकीय या मानसिक रोग के कारण बहुत ही कम संख्या में पाये जाते हैं।

यदि आप मोटापे की श्रेणी के नजदीक हैं या वर्तमान में अधिक वजन या फिर स्वस्थ वजन पर,  तो आप अपने वजन बढ़ने और इससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए कदम उठा सकते हैं। वजन कम करने से और रोकने के लिए किये गए उठाये गए कदम लगभग समान ही हैं जैसे दैनिक व्यायाम, एक स्वस्थ आहार, और खान-पान संबंधी दिशा-निर्देशों पालन करने से भी मोटापे को रोका जा सकता है |

1.नियमित रूप से व्यायाम करें– नियमित रूप से व्यायाम करना एक अच्छा उपाय है। वजन बढ़ने से रोकने के लिए आपको सप्ताह में 150 से 300 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली गतिविधि या व्यायाम संबंधी क्रियाशीलता करनी चाहिए । मध्यम रूप से तीव्र शारीरिक गतिविधियों में तेज चलना और तैराकी शामिल है।

2.स्वस्थ और उचित खाने की योजना (डाइट प्लान) का पालन करें– कम कैलोरी, पोषक तत्व-से युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कि फल, सब्जियां और साबुत अनाज को खाने में सम्मलित करे। संतृप्त वसा(सैचुरेटेड फैट) से बचें और मिठाई और शराब को सीमित करें और दिन में तीन बार नियमित भोजन करें।

3.जानिए और उन फूड से बचिए जिनसे आपको अधिक खाने की आदत बनती है– आप उन स्थितियों की पहचान करें, जो आपको आउट ऑफ़ कण्ट्रोल  खाने को ट्रिगर करती हैं। एक लेख या सूची बनाये कि आप क्या खाते हैं, आप कितना खाते हैं, जब आप खाते हैं, तो आप कैसा महसूस कर रहे हैं और आप कितने भूखे हैं। आप इस प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए आगे की योजना बना सकते हैं और अपने खाने के व्यवहार पर नियंत्रण रख सकते हैं।

4.अपने वजन की नियमित रूप से निगरानी करें– जो लोग सप्ताह में कम से कम एक बार अपना वजन कम करते हैं, वे अतिरिक्त वजन नियंत्रित  रखने में अधिक सफल होते हैं। अपने वजन की निगरानी करना आपको बता सकता है कि क्या आपके प्रयास काम कर रहे हैं और बड़ी समस्या बनने से पहले आपको छोटे वजन का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।

5.निरतंरता बनाए रखें– अपने वजन संबंधी किये गए नियमों के पालन में निरंतरता बनाये रखे।   सप्ताह के दौरान, वीकेंड पर,और जितना संभव हो छुट्टियों और छुट्टियों के बीच अपने स्वस्थ-वजन की योजना से को नियमित   रखने से आपको लंबी अवधि में सफलता की संभावना बढ़ जाती है।