आर्यों की सभ्यता और संस्कृति के प्रारम्भिक काल में महिलाओं की स्थिति बहुत सुदृढ़ थी। ऋग्वेद काल में स्त्रियां उस समय की सर्वोच्च शिक्षा अर्थात् बृह्मज्ञान प्राप्त कर सकतीं थीं।
भगवान् श्री कृष्ण का अवतरण एवं महाप्रयाण
कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के दिन रात्री के १२ बजे हुआ था । कृष्ण का जन्मदिन जन्माष्टमी के नाम से भारत, नेपाल, अमेरिका सहित विश्वभर में मनाया जाता है।
श्रीकृष्ण भगवान के नाम का अर्थ क्या है ?
“कृष्ण” मूलतः एक संस्कृत शब्द है, जो “काला”, “अंधेरा” या “गहरा नीला” का समानार्थी है। “अंधकार” शब्द से इसका सम्बन्ध ढलते चंद्रमा के समय को कृष्ण पक्ष कहे जाने में भी स्पष्ट झलकता है।
जानिये ,गोस्वामी तुलसीदास का प्रेरणास्पद व्यक्तित्व
गोस्वामी तुलसीदास (1511 – 1623) हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे। रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।
51 शक्ति पीठ कौन कौन से हैं ?
हिन्दू धर्म के अनुसार जहां सती देवी के शरीर के अंग गिरे, वहां वहां शक्ति पीठ बन गईं। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये।
मंदिर की प्राचीनता के प्रमाण क्या हैं?
वैदिक काल में ही चार धाम और दुनियाभर में ज्योतिर्लिंगों की स्थापना के साथ ही प्रार्थना करने के लिए भव्य मंदिरों का निर्माण किया गया। समय-समय पर इनका स्वरूप बदलता रहा और कर्मकांड भी।
जानिए ,हिन्दू मंदिरों की पूरी जानकारी
भारतीय संस्कृति में मंदिर निर्माण के पीछे यह सत्य छुपा था कि ऐसा धर्म स्थापित हो जो जनता को सहजता व व्यवहारिकता से प्राप्त हो सके।
क्या हैं संस्कृत भाषा की विशेषता ?
आप कोई भी विषय पढ़िए जो आपकी अभिरुचि,चाहत और प्रतिभा-क्षमता के अनुकूल हो।आप कोईभीजीविका चुनिए…
सनातन भारत की प्रकाण्ड महिलाओं के क्या नाम हैं ?
वैदिक काल भारतीय संस्कृति मे प्राचीन वैदिक काल से ही नारी का स्थान सम्माननीय रहा है |
जानिये ! शंख पूजन के लाभ
घर में शंख रखने से होता है धन लाभ, स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी. शंख की आवाज़ नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करती है। इसे बजाना स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी बताया गया है।
क्या है श्री राम जन्म भूमि अयोध्या का इतिहास ?
प्रथमअयोद्ध्या नगरी सतयुग में महाराज मनु ने वसायी थी प्रथम –सात मोक्षदायिनी नगरियों में प्रथम…
भारत के प्राचीन आयुर्वेदाचार्य कौन थे ?
धन्वन्तरि एक महान चिकित्सक थे, जिन्हें देव पद प्राप्त हुआ। ये भगवान विष्णु के अवतार समझे जाते हैं। इनका पृथ्वी लोक में अवतरण समुद्र मंथन के समय हुआ था।
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